चाक जिगर के सी लेते हैं
जैसे भी हो जी लेते हैं
दर्द मिले तो सह लेते हैं
अश्क मिले तो पी लेते हैं
आप कहें तो मर जाएँ हम
आप कहें तो जी लेते हैं
बेज़ारी के अँधियारे में
जीने वाले जी लेते हैं
हम तो हैं उन फूलों जैसे
जो काँटों में जी लेते हैं
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